परीक्षा और प्रार्थना...
हे प्रभो, इस दास की, इतनी विनय सुन लीजिए, मार ठोकर नाव मेरी, पार कर ही दीजिए... मैं नहीं डरता प्रलय से, मौत या तूफ़ान से, कांपती है रूह ...
कुछ तो कहेगा दिल ये गर तलब इसे हुई, ये बात और है कि तुम सुनो या ना सुनो, मस्ती फिजां की देख के बहकेगा दिल ज़ुरूर, बहके हुए इस दिल को तुम चुनो या ना चुनो!!
हे प्रभो, इस दास की, इतनी विनय सुन लीजिए, मार ठोकर नाव मेरी, पार कर ही दीजिए... मैं नहीं डरता प्रलय से, मौत या तूफ़ान से, कांपती है रूह ...