
पर यूं नज़रें मिलाना मत छोड़ना
गर हो कोई ग़म मुझको दे दो सनम
कि तुम मुसकुराना मत छोड़ना
तुम भूल भी जाओ तो कोई ग़म नहीं
पर मुझे याद आना मत छोड़ना
तुम दूर भी जाओ तो कोई ग़म नहीं
कि ख़्वाबों में मेरे आना मत छोड़ना
तुम जहां भी रहो जब आवाज़ दूँ तुमको
ठहर के पीछे देखना मत छोड़ना
अश्कों से तेरा टूटे हर नाता ऐ हमदम
पर मुझे याद करके रोना मत छोड़ना
ये और बात है कि हरदम पास पाओगे
पर मिलने की दुआ करना मत छोड़ना
गर हो कोई गम मुझको दे दो सनम
कि तुम मुसकुराना मत छोड़ना...
नरेश सोनी
मुस्कुराने का सबब हो मुस्कुराती जिन्दगी।
ReplyDeleteलोग सारे मुस्कुरायें की सदा है बन्दगी।।
सादर
श्यामल सुमन
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