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पथ की पहचान
पथ की पहचान

पूर्व चलने के बटोही बाट की पहचान कर ले। पुस्तकों में है नही छापी गई इसकी कहानी हाल इसका ज्ञात होता है न औरों की ज़बानी अनगिनत राही गए इस राह से उनका पता क्या पर गए कुछ लोग इस पर छोड पैरौं की निशानी यह निशानी मूक होकर भी बहुत कुछ बोलती है खोल इसक… Read more »

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30Mar2010

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प्यारे कृष्ण कन्हैया
प्यारे कृष्ण कन्हैया

कलयुग में अब ना आना रे प्यारे कृष्ण कन्हैया तुम बलदाऊ के भाई यहाँ हैं दाउद के भैया।। दूध दही की जगह पेप्सी, लिम्का कोकाकोला चक्र सुदर्शन छोड़ के हाथों में लेना हथगोला काली नाग नचैया। कलयुग में अब. . .।। गोबर को धन कहने वाले गोबर्धन क्या जानें रास रचा… Read more »

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30Mar2010
 
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