क़ीमत
एक दिन एक आदमी बाज़ार से गुज़र रहा था। वहाँ बड़ी भीड़-भाड़ थी, क़िस्म-क़िस्म की, ढ़ेर सारी दुकानें थीं। तभी उसने देखा कि एक जगह पांच-पांच सौ रुपए ...
कुछ तो कहेगा दिल ये गर तलब इसे हुई, ये बात और है कि तुम सुनो या ना सुनो, मस्ती फिजां की देख के बहकेगा दिल ज़ुरूर, बहके हुए इस दिल को तुम चुनो या ना चुनो!!