सारे जहां से अच्छा
सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा, हम बुलबुलें हैं इसकी ये गुलगुला हमारा। बुड्ढे कुंवारियों से नैना लड़ा रहे हैं, मकबूल माधुरी की पें...
कुछ तो कहेगा दिल ये गर तलब इसे हुई, ये बात और है कि तुम सुनो या ना सुनो, मस्ती फिजां की देख के बहकेगा दिल ज़ुरूर, बहके हुए इस दिल को तुम चुनो या ना चुनो!!
सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा, हम बुलबुलें हैं इसकी ये गुलगुला हमारा। बुड्ढे कुंवारियों से नैना लड़ा रहे हैं, मकबूल माधुरी की पें...