पंखुड़ी
अ नुराग 'आर्कुट' पर नये मित्रों की खोज कर रहा था कि अचानक एक चेहरे पर आकर उसकी नजरें रूक गयीं। वो गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होंठ और सपनों से भरी हुई आँखें- जैसे सुबह की पहली किरण कोई मधुर गीत सुनाने के लिये नदी की लहरों पर उतरी हो। उसने ध्यान से फोटो… Read more »