पंखुड़ी
अ नुराग 'आर्कुट' पर नये मित्रों की खोज कर रहा था कि अचानक एक चेहरे पर आकर उसकी नजरें रूक गयीं। वो गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होंठ और...
कुछ तो कहेगा दिल ये गर तलब इसे हुई, ये बात और है कि तुम सुनो या ना सुनो, मस्ती फिजां की देख के बहकेगा दिल ज़ुरूर, बहके हुए इस दिल को तुम चुनो या ना चुनो!!
य ह पश्चिम के किसी देश की बात है, जहाँ रोटियों की जगह आमतौर पर ब्रेड खाई जाती है। वहां एक व्यक़्ति रोज़ रेस्तरां जाता और ब्रेड के साथ सूप का ...