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हमको अपनी मौहब्बत बना लीजिए
मैं मुसाफ़िर हूँ एक भटका हुआ
अपने दिल में हमें अब पनाह दीजिए
मैं करूँगा सदा आपका शुक्रिया
अपनी पलकों में हमको बसा लीजिए
हमको अपनी मौहब्बत बना लीजिए..

इश्क़ में आपके हम तो पागल हुए
अब ज़माने से हमको शिकायत नहीं
देखने की अदा आपकी इस तरह
अब तो मेरा भी दिल मेरे बस में नहीं
अब यही अर्ज़ है आपसे ये मेरी
अपने आशिक को यूँ ना सज़ा दीजिए
मैं मुसाफ़िर हूँ एक भटका हुआ
हमको अपनी मौहब्बत बना लीजिए..
आपको ये मेरी लग ना जाये नज़र
इसलिए आपको हमने देखा नहीं
आपने हमको इसका सिला यूँ दिया
कह दिया संगदिल कुछ भी सोचा नहीं
आपकी बात से कितना रोया हूँ मैं
झांक कर आँखों में देख तो लीजिए
मैं मुसाफ़िर हूँ एक भटका हुआ
हमको अपनी मौहब्बत बना लीजिए..

आप कितना भी हमको सता लीजिए
प्यार है आपको, मान भी लीजिए
अब तो कहने में इसको ना इतराइये
हाथ रख कर के चेहरे पे, ना शरमाइये
मैं मुसाफ़िर हूँ एक भटका हुआ
हमको अपनी मौहब्बत बना लीजिए..


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  1. इक अरसे से तेरी मोहब्बत में भटक रहें है
    अब तो इस आवारगी से जुदा कीजिए
    हमें अपने दिल में पनाह दीजिए
    हमको अपनी मोहब्बत बना लीजिए

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