March 2012
ये कैसी दीवानगी...
ये कैसी दीवानगी...
ये कैसी दीवानगी मुझको अता कर दी मेरे मौला, कहीं क़ाफ़िर न बन जाऊँ मैं उसकी मौहब्बत में, ख़ुदा तु मुआफ़ कर देना मुझे अपना समझ कर के, म...
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कुछ तो कहेगा दिल ये गर तलब इसे हुई, ये बात और है कि तुम सुनो या ना सुनो, मस्ती फिजां की देख के बहकेगा दिल ज़ुरूर, बहके हुए इस दिल को तुम चुनो या ना चुनो!!
ये कैसी दीवानगी मुझको अता कर दी मेरे मौला, कहीं क़ाफ़िर न बन जाऊँ मैं उसकी मौहब्बत में, ख़ुदा तु मुआफ़ कर देना मुझे अपना समझ कर के, म...