मेरे एक साथी ने कल बहुत बुझे स्वर में मुझे बताया कि वो अपने घर से टीवी का कनेक्शन कटवा रहा है। मैं हैरानी से उसकी बात सुन रहा था। मेरा साथी कह रहा था कि अब वो घर पर टीवी नहीं देखेगा, नहीं रखेगा।
मैं जानता हूं कि कुछ महीने पहले ही उसने पुराना टीवी एक्सचेंज करके नया एलईडी टीवी खरीदा था। उसने नया टीवी खरीदने के लिए लंबी-चौड़ी योजना बनाई। पूरी फाइनेंशियल प्लानिंग की और फिर जब टीवी खरीद लाया तो अब वो संजय सिन्हा को बता रहा है कि वो टीवी कनेक्शन ही कटवा देगा, टीवी घर पर रखेगा ही नहीं।
आख़िर हुआ क्या?
मैंने उसके कंधे पर हाथ रखा और प्यार से पूछा कि बीवी से किसी चैनल को देखने को लेकर झगड़ा हो गया क्या?
“नहीं, सर। टीवी देखने को लेकर हमारा झगड़ा कभी नहीं होता। मैं वैसे ही कौन सा घर पर दिन भर रहता हूं, जो टीवी देखने को लेकर झगड़ा होगा। समस्या मेरे पांच साल के बेटे के साथ है।”
“पांच साल के बेटे के साथ? ये क्या बात हुई?”
“पांच साल के बच्चे को समझ भी होती है क्या? अरे वो तो कभी कार्टून नेटवर्क या ऐसे ही किसी चैनल को देखने की कभी जिद कर लेता होगा, बस।”
“संजय सर, मेरे बेटे ने कल यूं ही रिमोट से खेलते हुए पता नहीं कौन सा चैनल लगा लिया और देखने लगा। उसमें कोई फैशन शो आ रहा था। लड़कियां रैंप पर चल रही थीं। उसमें ऐसा कुछ नहीं था, जिसके चलने से मुझे कोई आपत्ति होती। पर मेरे बेटे ने मुझसे जो कहा, वो आपत्तिजनक था।”
“यार पहेलियां न बुझाओ। और अगर बेटे ने गलती से कोई ऐसा-वैसा शो लगा भी लिया तो तुम आजकल के टीवी पर पैरेंट लॉक लगा कर उसे देखने से उसे रोक सकते हो।”
“सर, मेरे बेटे ने जब उस शो में लड़कियों को विचित्र कपड़ों में चलते हुए देखा तो वो पल भर को ठिठका, फिर उसने बड़े गौर से उन्हें देखना शुरू कर दिया। मेरी निगाह उधर पड़ी तो मैंने यूं ही चैनल चेंज कर दिया। वो पांच साल का बच्चा ज़ोर-ज़ोर से रोने लगा। कहने लगा कि वो शेम-शेम आंटियों को देखना चाहता है।”
“शेम-शेम आंटियां?”
“पत्नी ने कभी सिखा दिया था कि जो लोग कपड़े नहीं पहने होते, वो शेम-शेम होते हैं। कल किसी फैशन शो में लड़कियों के पेट दिख रहे थे, तो बच्चा उन्हें देख कर खुश हो रहा था और कह रहा था कि शेम-शेम आंटियां अच्छी लग रही हैं।”
मैं चुप था।
बात बहुत बड़ी नहीं थी। पर मेरा मित्र आहत था।
मैंने कहा कि तुम उस चैनल को पैरेंट लॉक से बंद कर दो। टीवी कनेक्शन हटाने जैसी कोई बात नहीं। वैसे भी तुम टीवी न्यूज़ में काम करते हो, बिना टीवी के तुम कैसे रहोगे?
“रह लूंगा सर। मैंने कल पैरेंट लॉक से उस चैनल को हटा दिया था। पर बच्चा जिद पकड़ कर बैठ गया कि उसे वही चैनल देखना है। मैंने काफी समझाया, पर बच्चा तो बच्चा ही है। मैं जानता हूं कि ये बहुत बड़ी बात नहीं। मैं ये भी जानता हूं कि ये स्थायी समस्या नहीं। लेकिन मुझे लगने लगा है कि मैं उस सेठ की तरह हूं, जो हिंदी सिनेमा में नकली दवाओं का कारोबार करता है और खूब पैसे कमाता है। एक दिन उसके बेटे की तबियत खराब होती है और उसकी पत्नी जल्दी में जो दवा बाज़ार से खरीद कर लाती है, उससे उसके बेटे की मौत हो जाती है। अंत में सेठ को अपने किए का बड़ा अफसोस होता है, लेकिन तब तक उसका सबकुछ बर्बाद हो चुका होता है। हम लोग भी टीवी में कुछ का कुछ दिखलाते हैं। ये सच है कि टीवी पर प्रोग्राम का जो स्तर इन दिनों चल रहा है, उसमें सबकुछ है पर नैतिकता नहीं। अब पांच साल का बच्चा न तो शेम-शेम का मतलब ही ठीक से समझता है, न उसके लिए इस बात की कोई अहमियत है, लेकिन ये मेरे लिए एक संकेत है। मैं इतना तो समझ ही गया हूं कि उसके हाथ में एक ऐसा हथियार है, जिससे वो अपना नुकसान आज नहीं तो कल कर ही लेगा। असल में टीवी घर-घर में पहुंच चुका है। घर-घर में क्या कहूं, सबके कमरे तक पहुंच गया है। मुझे नहीं पता, पर इस छोटे से बक्से का किसके मन पर क्या असर पड़ रहा है, इस पर कोई शोध नहीं हो रहा। बस यहीं से मेरे मन में खटका बैठ गया है। मैं अब टीवी रखना ही नहीं चाहता। बच्चा सोते हुए मां से कहानी सुन ले, यही ठीक रहेगा। वैसे भी दिन भर सास-बहुओं के झगड़े टीवी पर चलते हैं। न्यूज़ में भी हम दिन भर बगदादी और पता नहीं क्या-क्या दिखलाते हैं। यूपी चुनाव में नेता लोग पता नहीं क्या-क्या और कितना अश्लील बोल रहे हैं। अब तो संसद में भी कुत्ता और पता नहीं क्या-क्या बोला जाना टीवी पर दिखाया जाने लगा है। इससे नई पीढ़ी का नैतिक पतन तो होगा ही सर।”
मेरे पास अपने साथी के सवालों का कोई जवाब नहीं था। आपके पास हो तो बताएं, अन्यथा मेरा साथी टीवी का कनेक्शन आज कटवा देगा और आधे दाम पर अपना टीवी भी बेच देगा।
असल में आर्थिक मूल्यों के आगे जिस तरह हमने पिछले कुछ वर्षों में नैतिक मूल्यों के साथ समझौता किया है, ये उसी पाप का फल है, जिसे आज मेरा एक साथी भुगत रहा है। कल हम और आप भी भुगतेंगे।
#Sanjay Sinha
Post a Comment
आप के द्वारा की गई टिप्पणी मेरा मार्गदर्शन करती है। अतः अपनी प्रतिक्रिया अवश्य टिप्पणी के रूप में दें।
EmoticonClick to see the code!
To insert emoticon you must added at least one space before the code.