भिगोकर अश्कों से पलकों को बस यही फरियाद करते हैं,
तू भी उतना ही करती हो, जितना हम तुझे याद करते हैं,
दम तो मोहब्बत का उनकी,हम भी भरते हैं,
कहें कैसे बेकरारी से हर पल उनको याद हम भी करते हैं,
पलकों से अब अपने उनकी मोहब्बत उतार दी है,
कर करके याद उनको हमने जिन्दगी गुजार दी है,
वो सामने है जो साया कभी अपना कभी अनजाना सा लगता है,
गुजरे पल याद करता हूँ तो कुछ पहचाना सा लगता है,
करते रहेंगे हमेशा याद,कभी तो उन तक मेरी फरियाद जायेगी,
भूल जायें भले वो हमें,लेकिन कभी तो उन्हें मेरी याद आयेगी,
मेरे दिल पर मेरा नहीं उनका जोर चलता है,
यादों की धूप में उनकी आज भी दिल जलता है,
यदि वो वेवफा न होतीं गम तो झेल भी जाते,
काश ! के याद कर हमें भी वो कभी वापस चली आतीं,
भूल जायें कैसे उस चेहरे को,जिसे पहली नज़र में दिल में बसाया है,
उनकी यादों से दिल के हर कोने को बहुत बेकरारी से हमनें सजाया है,
करवटें बदलते रहते हैं नींद सारी रात आती ही नहीं,
कोशिशें सब बेकार हुईं मेरी,उनकी याद दिल से जाती ही नहीं,
कहाँ जायें जो सुकून पायें उनकी यादों से हम,
कहें कैसे कितने जख्मी हुए उनकी बेमुरव्वते बातों से हम...
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