ये डीग्री भी लेलो, ये नौकरी भी लेलो ये डीग्री भी लेलो, ये नौकरी भी लेलो, भले छीन लो मुझसे USA का वीसा मगर मुझको लौटा दो वो कॉलेज का , वो...
रब बदला !!
न हम बदले न तुम बदले, मगर लगता है सब बदला ! ख़बर ना हम को लग पाई, जहाँ ये जाने कब बदला !! थी बस ये आरजू दामन में मेरे, दो चार खुशीयाँ हो ! ह...
कहते हो क्यों बस मुझे ही दीवाना
कहते हो क्यों बस मुझे ही दीवाना, कोई तेरे दिल मे भी आया तो होगा ! रातों की नींदे मेरी चुराई, तुझे भी किसी ने जगाया तो होगा !! कभी तो मिली हो...
रेत पर नाम लिखने से क्या फायदा
रेत पर नाम लिखने से क्या फायदा एक आयी लहर कुछ बचेगा नहीं... तुमने पत्थर का दिल हमको कह तो दिया पत्थरों पर लिखोगे मिटेगा नहीं... मैं तो पतझड़ ...
प्रेम में झूमों तुम ऐसे….
प्रे म के मायने क्या हैं, इस पर सदियों से विचारकों, लेखकों व अन्य लोगों ने अपने-अपने तर्क प्रस्तुत किए हैं। प्रेम क्या है? इस प्रश्न का उत्त...
मौत से ठन गई !
मेरे जेहन मे अचानक ख्याल आया की, क्यों ना मौत की परिभाषा ढुढीं जाये। क्या सांसो के रुकने को ही मौत का नाम दिया जा सकता है या मौत की कोई और भ...
ग़ज़ल प्यार की...
जिस रात लगो डूबने यादों के भंवर मे उस रात की स्याही से, ग़ज़ल प्यार की लिखना जिस दिन लगे कि बहुत ही दुष्वार है जीना उस दिन के उजाले से ग़ज़ल...
ये ख़ास दिन
ये ख़ास दिन है प्रेमियों का , प्यार की बातें करो कुछ तुम कहो कुछ वो कहें , इज़हार की बातें करो जब दो दिलों की धड़कनें इक...
डॉ. कुमार विश्वास के कुछ मुक्तक
अभी चलना है रस्ते को मैं मंजिल मान लुं कैसे? मसीहा दिल को अपनी जिद का कातिल मान लुं कैसे? तुम्हारी याद के आदिम अंधेरे मुझको घेरे है, तुम्हा...
तुम अगर नहीं आयीं
तुम अगर नहीं आयीं ... गीत गा ना पाऊँगा . साँस साथ छोडेगी सुर सजा ना पाऊँगा .. तान भावना की है .. शब्द शब्द दर्पण है .. बाँ...
कुछ छोटे सपनो के बदले
कुछ छोटे सपनो के बदले , बड़ी नींद का सौदा करने , निकल पडे हैं पांव अभागे , जाने कौन डगर ठहरेंगे ! वही प्यास के अनगढ़ मोत...
अमावस की काली रातों में
अमावस की काली रातों में दिल का दरवाजा खुलता है, जब दर्द की प्याली रातों में गम आंसू के संग होते हैं, जब पिछवाड़े के कमरे में हम निपट अकेले ह...
प्यार नहीं दे पाऊँगा
ओ कल्प -वृक्ष की सोन -जूही ओ अमल -ताश की अमर कली धरती के आताप से जलते मन पर छाई निर्मल बदली मैं तुमको मधु -शहद -गंध युक्त,संसार नही दे पाउँग...
कोई दीवाना कहता है
कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है, मैं तुझसे दूर कैसा हुँ तू मुझसे दूर कैसी है ये मेरा दिल समझता ह...
नदी बोली समन्दर से
नदी बोली समन्दर से , मैं तेरे पास आई हूँ। मुझे भी गा मेरे शायर , मैं तेरी ही ही रुबाई हूँ।। मुझे ऊँचाइयों का वो अकेलापन ...
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती , कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती . नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है , चढ़ती दी...