ये डीग्री भी लेलो, ये नौकरी भी लेलोये डीग्री भी लेलो, ये नौकरी भी लेलो,भले छीन लो मुझसे USA का वीसामगर मुझको लौटा दो वो कॉलेज का , वो चाय का पानी, वो तीखा समोसा……कडी धूप मे अपने घर से निकलना,वो प्रोजेक्ट की खातीर शहर भर भटकना,वो लेक्चर मे दोस्तों … Read more »
रब बदला !!
न हम बदले न तुम बदले, मगर लगता है सब बदला !ख़बर ना हम को लग पाई, जहाँ ये जाने कब बदला !!थी बस ये आरजू दामन में मेरे, दो चार खुशीयाँ हो !है मेरी हर दुआ जायज, मगर लगता है रब बदला !!बहुत गुजरे तमन्ना ले, की एक दीदार तेरा हो !न आए तुम कभी दर पे, तो रस्ता… Read more »
कहते हो क्यों बस मुझे ही दीवाना
कहते हो क्यों बस मुझे ही दीवाना,कोई तेरे दिल मे भी आया तो होगा !रातों की नींदे मेरी चुराई,तुझे भी किसी ने जगाया तो होगा !!कभी तो मिली होंगी उस से निगाहें,तुझे देख वो मुस्कुराया तो होगा !कभी नाम लिख कर मेहंदी से उस का,हथेली से अपने मिटाया तो होगा !!ये… Read more »
रेत पर नाम लिखने से क्या फायदा
रेत पर नाम लिखने से क्या फायदाएक आयी लहर कुछ बचेगा नहीं...तुमने पत्थर का दिल हमको कह तो दियापत्थरों पर लिखोगे मिटेगा नहीं...मैं तो पतझड़ था फिर क्यूँ निमन्त्रण दियाऋतु वसन्ती को तन पर लपेटे हुएआस मन में लिए प्यास मन में लिएकब शरद आयी पल्लू लपेटे हुएतु… Read more »
प्रेम में झूमों तुम ऐसे….
प्रेम के मायने क्या हैं, इस पर सदियों से विचारकों, लेखकों व अन्य लोगों ने अपने-अपने तर्क प्रस्तुत किए हैं। प्रेम क्या है? इस प्रश्न का उत्तर प्रेम करने वाले भी पूर्णता के साथ नहीं जान पाते हैं। इसका कारण यह नहीं कि उन लोगों ने सच्चा प्रेम नहीं किया ह… Read more »
मौत से ठन गई !
मेरे जेहन मे अचानक ख्याल आया की, क्यों ना मौत की परिभाषा ढुढीं जाये। क्या सांसो के रुकने को ही मौत का नाम दिया जा सकता है या मौत की कोई और भी परिभाषा हो सकती है...यही सोचते-सोचते एक दिन मैं मौत को ढूँढने चल पड़ा,कि अचानक मुझे अटल बिहारी बाजपेयी जी की … Read more »
मैं तेरे नाम का अब भी दीया जलाती हूँ
मैं तेरे नाम का अब भी दीया जलाती हूँ क्या तुम्हें मैं भी उतनी ही याद आती हूँ … Read more »
ग़ज़ल प्यार की...
जिस रात लगो डूबने यादों के भंवर मेउस रात की स्याही से, ग़ज़ल प्यार की लिखनाजिस दिन लगे कि बहुत ही दुष्वार है जीनाउस दिन के उजाले से ग़ज़ल प्यार की लिखनाजिस शाम करो याद और हम याद ना आयेंउस शाम तीरगी से ग़ज़ल प्यार की लिखनातारों की टिम-टिमा-हट बैचेन कर… Read more »
ये ख़ास दिन
ये ख़ास दिन है प्रेमियों का,प्यार की बातें करोकुछ तुम कहो कुछ वो कहें,इज़हार की बातें करोजब दो दिलों की धड़कनेंइक गीत-सा गाने लगेंआँखों में आँखें डाल करइक़रार की बातें करोये कीमती-सा हार जोलाए हो वो रख दो कहींबाहें गले में डाल कर,इस हार की बातें करोज… Read more »
डॉ. कुमार विश्वास के कुछ मुक्तक
अभी चलना है रस्ते को मैं मंजिल मान लुं कैसे?मसीहा दिल को अपनी जिद का कातिल मान लुं कैसे?तुम्हारी याद के आदिम अंधेरे मुझको घेरे है,तुम्हारे बिन जो बीते दिन उन्हें दिन मान लुं कैसे ?मैं उसका हूँ..वो इस अहसास से इनकार करता है..भरी महफिल में भी रुसवा..मु… Read more »
तुम अगर नहीं आयीं
तुम अगर नहीं आयीं...गीत गा ना पाऊँगा.साँस साथ छोडेगी सुर सजा ना पाऊँगा..तान भावना की है..शब्द शब्द दर्पण है..बाँसुरी चली आओ..होट का निमन्त्रण है..तुम बिना हथेली की हर लकीर प्यासी है..तीर पार कान्हा से दूर राधिका सी है..दूरियाँ समझती हैं दर्द कैसे सहन… Read more »
कुछ छोटे सपनो के बदले
कुछ छोटे सपनो के बदले,बड़ी नींद का सौदा करने,निकल पडे हैं पांव अभागे,जाने कौन डगर ठहरेंगे !वही प्यास के अनगढ़ मोती,वही धूप की सुर्ख कहानी,वही आंख में घुटकर मरती,आंसू की खुद्दार जवानी,हर मोहरे की मूक विवशता,चौसर के खाने क्या जानेहार जीत तय करती है वे,… Read more »
अमावस की काली रातों में
अमावस की काली रातों में दिल का दरवाजा खुलता है,जब दर्द की प्याली रातों में गम आंसू के संग होते हैं,जब पिछवाड़े के कमरे में हम निपट अकेले होते हैं,जब घड़ियाँ टिक-टिक चलती हैं,सब सोते हैं, हम रोते हैं,जब बार-बार दोहराने से सारी यादें चुक जाती हैं,जब ऊँ… Read more »
प्यार नहीं दे पाऊँगा
ओ कल्प -वृक्ष की सोन -जूहीओ अमल -ताश की अमर कलीधरती के आताप से जलतेमन पर छाई निर्मल बदलीमैं तुमको मधु -शहद -गंध युक्त,संसार नही दे पाउँगा! तुम मुझको करना माफ़ प्रिये मैं प्यार नही दे पाउँगा !!तुम कल्प -वृक्ष का फूल औरमैं धरती का अदना गायकतुम जीवन के … Read more »
कोई दीवाना कहता है
कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता हैमगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है,मैं तुझसे दूर कैसा हुँ तू मुझसे दूर कैसी हैये मेरा दिल समझता है या तेरा दिल समझता है !!!समुँदर पीर का अंदर है लेकिन रो नहीं सकताये आसुँ प्यार का मोती है इसको खो नहीं सकता,मेरी… Read more »
नदी बोली समन्दर से
नदी बोली समन्दर से, मैं तेरे पास आई हूँ।मुझे भी गा मेरे शायर, मैं तेरी ही ही रुबाई हूँ।।मुझे ऊँचाइयों का वो अकेलापन नहीं भाया;लहर होते हुये भी तो मेरा मन न लहराया;मुझे बाँधे रही ठंडे बरफ की रेशमी काया।बड़ी मुश्किल से बन निर्झर, उतर पाई मैं धरती पर;छु… Read more »
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है.मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है.आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,कोशिश कर… Read more »