क्यों करते हो एतबार मेरा
मालूम है तुमको प्यार मेरा
इक बात में फ़ैसला है तुमसे
रंज़ीदा है दिल हज़ार मेरा
तेरा नहीं एतबार मुझको
तू भी न कर एतबार मेरा
शायद कि न हो तुम अपने बस में
दिल पर तो है इख्तियार मेरा
कुछ समझे हुए है अपने दिल में
सुनते नहीं हाले-ज़ार मेरा
वह हाय बिगड़ के उसका जाना
रोना वही ज़ार-ज़ार मेरा
कल तो 'निज़ाम' यह न था हाल
दिल आज है बेक़रार मेरा...
'निज़ाम' रामपुरी
मालूम है तुमको प्यार मेरा
इक बात में फ़ैसला है तुमसे
रंज़ीदा है दिल हज़ार मेरा
तेरा नहीं एतबार मुझको
तू भी न कर एतबार मेरा
शायद कि न हो तुम अपने बस में
दिल पर तो है इख्तियार मेरा
कुछ समझे हुए है अपने दिल में
सुनते नहीं हाले-ज़ार मेरा
वह हाय बिगड़ के उसका जाना
रोना वही ज़ार-ज़ार मेरा
कल तो 'निज़ाम' यह न था हाल
दिल आज है बेक़रार मेरा...
'निज़ाम' रामपुरी
आज आपका ब्लॉग देखा ......... बहुत अच्छा लगा.... मेरी कामना है की आपके शब्दों को नई ऊर्जा, नई शक्ति और नए अर्थ मिलें जिससे वे जन-सरोकारों की सशक्त अभिव्यक्ति का माध्यम बन सकें.
ReplyDeleteकभी समय निकाल कर मेरे ब्लॉग पर पधारें-
http://www.hindi-nikash.blogspot.com
सादर शुभकामनाओं के साथ-
आनंदकृष्ण, जबलपुर
बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
ReplyDeleteAnek shubh kamnayon sahit swagat hai...seedha,saral likha hai...bada achha laga..!
ReplyDeletehttp://kavitasbyshama.blogspot.com
http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com
http:/shama-baagwaanee.blogspot.com
Ye mera teesara attempt hai...comment post karneka..!
ReplyDeletehttp://kavitasbyshama.blogspot.com
Sundar !
ReplyDeletehttp://kavitasbyshama.blogspot.com
Any blogs kee URL isee blog pe mil jayengee!
Snehil nimantran hai...!