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कहते हो क्यों बस मुझे ही दीवाना,
कोई तेरे दिल मे भी आया तो होगा !
रातों की नींदे मेरी चुराई,
तुझे भी किसी ने जगाया तो होगा !!

कभी तो मिली होंगी उस से निगाहें,
तुझे देख वो मुस्कुराया तो होगा !
कभी नाम लिख कर मेहंदी से उस का,
हथेली से अपने मिटाया तो होगा !!

ये दिन कट रहे खयालों मे तेरे,
लिए याद तेरी रातें गुजरती !
क्या कहता जमाना इसी को मोहब्बत,
तुझे भी किसी ने बताया तो होगा !!

करता हुँ गर तुझसे सपनो मे बातें,
मुझको बताओ की ये क्या गुनाह है !
किसी से ख्वाबो मे शर्मा के तुमने,
दुप्पटे से मुखड़ा छुपाया तो होगा !!

कहते वो मुझसे उनको भुला दूँ ,
न लब्जों पे उनका कभी नाम लाऊँ !
तड़प कर किसी को पुकारा तो होगा,
कोई याद उनको भी आया तो होगा !!

कहते हो क्यों बस मुझे ही दीवाना,
कोई तेरे दिल मे भी आया तो होगा !

-पीयूष तिवारी

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  1. वाह वाह इतने सुन्दर और सरल भाव से प्यार की अभिव्यक्ति कोई सरल हृदय ही कर सकता है बहुत सुन्दर अद्भुत शुभकामनायें

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  2. ये सब दिवानगी है भाई मेरे ..............एक सुन्दर प्यारभरा गीत..........दिवानगी मे न जाने और क्या क्या होते है बता नही सकता मेरे भाई.................आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह निकलती है.

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