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इन्तिहा आज इश्क की कर दी,
आप के नाम ज़िन्दगी कर दी,

था अँधेरा गरीब खाने में,
आप ने आ के रोशनी कर दी,

देने वाले ने उन को हुस्न दिया,
और अता मुझ को आशिकी कर दी,

तुम ने जुल्फों को रुख पे बिखरा कर,
शाम रंगीन और भी कर दी...

Singer: जगजीत सिंह

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