सेलफोन और लेपटोप के माध्यम से की जा रही हाल की वीडियो कानफ्रेंसिंग तकनीक उतनी सुदृढ नही है. कम फ्रेमरेट और बैंडविथ की वजह से तस्वीरें अटक अटक कर आती है, और प्रयोक्ता को यह अहसास नहीं होता कि सामने वाला व्यक्ति उसके पास ही है.
लेकिन वर्जिनीया विश्वविद्यालय के टिमोथी ब्रिक का प्रयोग सफल रहा तो अगले दो साल में स्थिति बदल सकती है. तब प्रयोक्ताओं के पास एक बेहद कम खर्चीली लेकिन बढिया वीडियो कानफ्रेंसिंग सुविधा प्राप्त होगी. इस तकनीकमें एक त्रिआयामी वातावरण बनेगा जिससे दूर बैठे दो व्यक्तियों को पास-पास होने का आभास होगा.
टिमोथी ब्रिक अपनी तकनीक को इंटर नेशनल वर्कशोप ओन इमैज एनालाइसिस फोर मल्टीमीडिया इंटरएक्टिवसर्विसेज में प्रदर्शित करने वाले हैं. उनके इस नए सिस्टम से प्रयोक्ताओं को एक छोटी, पोर्टेबल डिवाइज मिलेगीजिसके माध्यम से हाई-फ्रेम-रेट वीडियो कानफ्रेंसिंग की जा सकेगी.
इस नए सिस्टम में मोशन पेरालक्ष तकनीक का इस्तेमाल किए जाएगा. इस तकनीक में प्रयोक्ता के त्रिआयामीचित्र को 3-डी सिमूलेशन के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा.
ब्रिक का कहना है – मोशन पेरालक्ष के द्वारा प्रयोक्ताओं के बीच बिना अवरोध वाला सम्पर्क स्थापित किया जासकेगा और इसके लिए मँहगे डिस्पले, मल्टी कैमरा एरे और मोशन कैप्चर डिवाइज की जरूरत भी नहीं पडेगी.
यानी कि यह सिस्टम कम खर्चीला होगा और अधिक प्रभावी भी.
www.tarakash.com से साभार
लेकिन वर्जिनीया विश्वविद्यालय के टिमोथी ब्रिक का प्रयोग सफल रहा तो अगले दो साल में स्थिति बदल सकती है. तब प्रयोक्ताओं के पास एक बेहद कम खर्चीली लेकिन बढिया वीडियो कानफ्रेंसिंग सुविधा प्राप्त होगी. इस तकनीकमें एक त्रिआयामी वातावरण बनेगा जिससे दूर बैठे दो व्यक्तियों को पास-पास होने का आभास होगा.
टिमोथी ब्रिक अपनी तकनीक को इंटर नेशनल वर्कशोप ओन इमैज एनालाइसिस फोर मल्टीमीडिया इंटरएक्टिवसर्विसेज में प्रदर्शित करने वाले हैं. उनके इस नए सिस्टम से प्रयोक्ताओं को एक छोटी, पोर्टेबल डिवाइज मिलेगीजिसके माध्यम से हाई-फ्रेम-रेट वीडियो कानफ्रेंसिंग की जा सकेगी.
इस नए सिस्टम में मोशन पेरालक्ष तकनीक का इस्तेमाल किए जाएगा. इस तकनीक में प्रयोक्ता के त्रिआयामीचित्र को 3-डी सिमूलेशन के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा.
ब्रिक का कहना है – मोशन पेरालक्ष के द्वारा प्रयोक्ताओं के बीच बिना अवरोध वाला सम्पर्क स्थापित किया जासकेगा और इसके लिए मँहगे डिस्पले, मल्टी कैमरा एरे और मोशन कैप्चर डिवाइज की जरूरत भी नहीं पडेगी.
यानी कि यह सिस्टम कम खर्चीला होगा और अधिक प्रभावी भी.
www.tarakash.com से साभार
Post a Comment
आप के द्वारा की गई टिप्पणी मेरा मार्गदर्शन करती है। अतः अपनी प्रतिक्रिया अवश्य टिप्पणी के रूप में दें।