तेरे दामन में सितारे हैं तो होंगे ऐ फलक
मुझको अपनी माँ की मैली ओढ़नी अच्छी लगी।
लबों के उसके कभी बद्दुआ नहीं होती
बस एक माँ है जो मुझसे खफा नहीं होती।
मुझे बस इसलिए अच्छी बहार लगती है
कि ये भी माँ की तरह खुशगवार लगती है।
बुलंदियों का बड़े से बड़ा निशान छुआ
उठाया गोद में माँ ने तो आसमान छुआ।
इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है
माँ बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है।
ये ऐसा कर्ज है जो मैं अदा कर ही नहीं सकता
मैं जब तक घर न लौटूँ मेरी माँ सजदे में रहती है।
यारों को खुशी मेरी दौलत पे है लेकिन
इक माँ है जो बस मेरी खुशी देख के खुश है।
जब भी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है
माँ दुआ करती हुई ख्वाब में आ जाती है।
मुनव्वर राना
मुझको अपनी माँ की मैली ओढ़नी अच्छी लगी।
लबों के उसके कभी बद्दुआ नहीं होती
बस एक माँ है जो मुझसे खफा नहीं होती।
मुझे बस इसलिए अच्छी बहार लगती है
कि ये भी माँ की तरह खुशगवार लगती है।
बुलंदियों का बड़े से बड़ा निशान छुआ
उठाया गोद में माँ ने तो आसमान छुआ।
इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है
माँ बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है।
ये ऐसा कर्ज है जो मैं अदा कर ही नहीं सकता
मैं जब तक घर न लौटूँ मेरी माँ सजदे में रहती है।
यारों को खुशी मेरी दौलत पे है लेकिन
इक माँ है जो बस मेरी खुशी देख के खुश है।
जब भी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है
माँ दुआ करती हुई ख्वाब में आ जाती है।
मुनव्वर राना
Post a Comment
आप के द्वारा की गई टिप्पणी मेरा मार्गदर्शन करती है। अतः अपनी प्रतिक्रिया अवश्य टिप्पणी के रूप में दें।