0
एक गीत मैं लिखूंगा
आवाज़ तुम देना,
मैं रागों को सजाऊँ
साज़ तुम देना | एक ....

जोडेंगे टुकड़े -टुकड़े
हम आज अपने मन के ,
गुन्थेंगे एक सुर में
हर भाव जीवन के
ना हो कभी ख़तम जो
वो शाम तुम देना | एक ...

अगर हो जायेंगे मदमस्त
थाम लेना मेरी बाहें,
गर हम भटक गए तो
सुलझाना मेरी राहें ,
तुम अमृत-घट से उंडेल
जाम मुझको देना | एक ...

हम मन के नाव खेवें
भावों के इस लहर में ,
हर फिक्र को डुबो दे
यादों के भंवर में |
हमे ले जाये जो किनारे
वो मझधार तुम देना | एक..

शशि रंजन

Post a Comment

आप के द्वारा की गई टिप्पणी मेरा मार्गदर्शन करती है। अतः अपनी प्रतिक्रिया अवश्य टिप्पणी के रूप में दें।

 
Top