तु आजाद है मेरे लिये आज भी
तेरे पंख खुले हूयें हैं आज भी
तु उड़ान पर होगी जब भी मेरे सामने
मैं साथ रहूँगा तेरे आज भी
तु आसमान देख ना घबराना
इस जमीन का पहलू रहेगा संग आज भी
फिर मस्त हो हवा में खो जाना
सौ साल जिन्दगी और है आज भी
पता है मुझे सपने देखती है तु
तेरे हर एक मंजर में,मैं भी हूँ आज भी
तु रोये नहीं हँसती रहे हरदम
तु खिलखिलाये आफताब की तरह आज भी
सुन मुझे पता है जमाना बदलेगा
सब गैर भी हों बस मैं हूँ साथ आज भी
तु घबराना मत बस सामना करना हवाओं का
तेरी मंजिलों का माँझी मैं ही हूँ आज भी...
तेरे पंख खुले हूयें हैं आज भी
तु उड़ान पर होगी जब भी मेरे सामने
मैं साथ रहूँगा तेरे आज भी
तु आसमान देख ना घबराना
इस जमीन का पहलू रहेगा संग आज भी
फिर मस्त हो हवा में खो जाना
सौ साल जिन्दगी और है आज भी
पता है मुझे सपने देखती है तु
तेरे हर एक मंजर में,मैं भी हूँ आज भी
तु रोये नहीं हँसती रहे हरदम
तु खिलखिलाये आफताब की तरह आज भी
सुन मुझे पता है जमाना बदलेगा
सब गैर भी हों बस मैं हूँ साथ आज भी
तु घबराना मत बस सामना करना हवाओं का
तेरी मंजिलों का माँझी मैं ही हूँ आज भी...
Post a Comment
आप के द्वारा की गई टिप्पणी मेरा मार्गदर्शन करती है। अतः अपनी प्रतिक्रिया अवश्य टिप्पणी के रूप में दें।